जल जंगल और धरा की संगम -झारखण्ड की अद्धभुत घाटी -पतरातू।

वसंत का मौसम, सुबह से ही चमकती धुप, हलकी-हलकी चलती सर्द हवाएं, सर्पीले रास्ते, घाटियाँ, ऊँची-नीची पहाड़ियां, वक्रनुमा(ताल) पानी का किनारा -और रंग बिरंगी तैरती मछलियां।
घाटी के चारों तरफ हरियाली, मोहक फूलों की खूबसूरती पर्यटकों को अपनी ओर खींचती है। यह घाटी गंगटोक, देहरादून, मसूरी ,सापुतारा की तरह ही बेहद आकर्षक है।यहां बर्फ की चादर नहीं बिछती, लेकिन पूरी घाटी हरी पतियों की चादर ओढ़े लहलहाती है। मोहक फूल इस घाटी की धड़कन हैं। रास्ते में नदी और झरने की मधुर ध्वनि संगीतमय वातावरण बनाती है। विशाल ताल के हरे जल यह बांध निकलते यही पानी दूध जैसा प्रतीत होता दृश्य आपकी आंखे चकाचोंध रह जायेगी।
इन शब्दों का प्रयोग मैं किसी हिमालयी क्षेत्र की ओर इशारा करने के लिए नहीं कर रहा,
बल्कि अपने ही राज्य झारखण्ड के बारे बता रहा हूँ।
#सच तो यह है की दूर का ढोल सुहावन होने के कारण अक्सर हम नजदीकी नजारों को कोई महत्व नहीं देते हैं, और फलस्वरूप आस पास के बारे ज्यादा नहीं जान पाते। #झारखण्ड में राँची से उत्तर की ओर 30 किलोमीटर दूर की ये घाटी इसी प्रकार के अछूते प्राकृतिक सौंदर्य का शानदार उदाहरण है।
यहाँ सूरज की किरणों के फैलते ही झील के किनारे प्रकृति की खूबसूरती को निहारने का आनंद ही कुछ और है। तटबंध के किनारे कुछ दूर चलने पर बांध के दरवाजे दिखाई देते हैं। जहां तटबंध पर खड़े होकर पानी की गहरी नीली जलधारा खामोशी को तोड़ दिल में एक अलग रोमांस पैदा करती है। जलाशय के किनारे एक-दूसरे से सटी हुई कई छोटी-छोटी पहाड़ियां टुकुर-टुकुर निहारती-सी प्रतीत होती है। यहां झुंड के झुंड लोग नाव पर बैठने के लिए आतुर दिखाई देते हैं।

लाल फूलों से लदे पेड़, हरीतिमा की चादर में लिपटी बादलों से अठखेलियां करती पतरातू घाटी। प्रकृति का ऐसा सुंदर दृश्य कि जहां तक नजर जाए आंखों को सुकून का एहसास कराए। जी हां, झारखंड की राजधानी रांची के निकट स्थित पर्यटक स्थल पतरातू घाटी के मनमोहक नजारे ऐसे ही...है।


घुमावदार रास्तों से होते हुए पतरातू जलाशय विशाल तालाब तक पहुंचने के लिए नई खूबसरत सड़क का सफर अत्यंत रोमांचित करता है। सड़क के दोनों ओर हरी-भरी छटा से झारखंड (झार-जंगल, खंड-हिस्सा) नाम सार्थक होताप्रतीत होता है। रांची से पौन घंटे सीधी सपाट सड़क पर चलने के बाद घाटी का घुमावदार रास्ता शुरू होता है। इन घूमते मोड़ों से होते हुए सखुआ, साल और बांस के जंगल को पार कर लाल, बैंगनी और अनेक रंग के फूलों से लदे वृक्ष पर्यटकों को बाहों में भरते प्रतीत होते हैं। इस आकर्षक घाटी को पार कर घाटी के शिखर का दृश्य घनेरे बादलों से अठखेलियां करता प्रतीत होता है।

इसीलिए अगर आप चाहें, तो दौड़-भागसे दूर प्रकृति के करीब और शांत जगह में कुछ अच्छा समय गुजार सकते हैं।
#रांची आये तो पतरातू की घाटी सैर जरूर कीजिएगा
यकीन मानिए यहाँ की हसीन वादियो से आपको मोह्हबत  हो जाएगी और सुहानी हवाओ से तो सुकून मिलना तय है।

हमारी ये छोटी छोटी प्रयास होती है-
प्रकृति की गोद मे बसी झारखण्ड के जल जंगल जमीन
पवित्र मिट्टी और सच्चे मेहनती जन एवं संस्कृति की पहचान को लोगो तक पहुचाना।
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#राहुल प्रसाद










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