अखबार व पत्रिका में प्रकाशित मेरी लेख, लघु कथा एवं कहानी

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अखबार व पत्रिका में प्रकाशित लेख कहानी एवं लघुकथा

दैनिक टू टाइम्स लखनऊ से प्रकाशित -सच्ची यारियां 






लखनऊ से प्रकाशित अखबार विजय दर्पन टाइम्स



लेख


लेख -भ्रस्टाचार



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जय विजय पत्रिका सितंबर अंक में

दैनिक टू टाइम्स में प्रकाशित कहानी - ओढ़नी



झारखंड के किसानों के हित मे मेरी छोटी सी सुझाव प्रकाशित करने के लिए
धन्यबाद👏 प्रभात खबर

झारखंड में भूमि के समतल नहीं होने और पहाड़ी छेत्र होने के नाते सिंचाई के लिए लिफ्ट इरीगेशन ही कारगर उपाय है ।इसके पुनरुद्धार की जरुरत है और इस योजना का लाभ किसानों को मिल सके एवं उनके फसलों की सिंचाई समुचित रूप से हो सके इसके लिए इस योजना का क्रियान्वन ग्रामपंचायत के माध्यम से होना चाहिये ।झारखण्ड में भूजल स्तर में लगातार गिरावट तथा जल संग्रह छेत्रों में अवैध निर्माणकार्य,नदियों के अस्तित्व पर मंडराता खतरा ,ये सभी ऐसे कारण हैं जो लिफ्ट इरीगेशन के मार्ग में व्यवधान पैदा कर रहे हैं।जल संग्रह छेत्रों में जल संचयन की कमी नहीं हो,जल संचयन और जल छाजन योजनाओं को मूर्त रूप देकर ,धरातल पर उतारा जाना एक स्वागत योग्य कदम है।इस योजना के लागू हो जाने से प्रत्येक गांव में सिंचाई की व्यवस्था हो जायेगी ।जिसका नियंत्रण किसानों के पास होगा,यही तो ग्राम स्वराज का सपना है ।


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स्वच्छ भारत अभियान का

बैनरों से सजा रांची, स्वच्छ भारत अभियान का 
जगह जगह कूड़े का जमघट, क्या होगा अभियान का अतिक्रमण से भी टुटे हैं नालेें,गड्ढों की भरमार है 
खाली पोस्टर चिढ़ा रहे हैं, स्वच्छ भारत अभियान का आधे अधूरे फ्लाई ओवर के, कचरे पड़े सड़कों पर 
धूल फांकते हम जायें, क्या होगा इस अभियान का 
कभी नहीं सुधरेगी व्यवस्था, जब तक हम न सुधरेंगे
देखोजनहित में जारी कितनी योजनाएं, फिर भी भविष्य नही दिखता इस अभियान का 
आओ मिलकर करे साकार गांधी जी सपनो को
खुद ना फैलाओ गंदगी , न ही फैलाने दो अपनो को।



☺☺छात्र

विद्यार्थियों द्वारा की जा रही आत्महत्याएं हमारी सामाजिक व्यवस्था का परिणाम है जहां व्यवस्था जाति धर्म आधारित होकर युवाओं को प्रकाश से अंधकार ,कुंठा और मानसिक अवसाद और एकाकीपन की तरफ ढ़केल रही है।अपनी आकांक्षाओं,संसाधनों और  प्राप्त  उपलब्धियों में सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाने की वजह से हमारे युवा और युवतियां संघर्ष की जगह आत्महत्या का मार्ग चुन रहे हैं जो समाज और व्यक्ति के लिए आत्मघाती कदम है।
मेरे भारत के भविष्य विद्यार्थी भाई आप इस तरह से ना टूटो आत्महत्या से हम सबका नुकसान है..
बल्कि आप अपने कलम की बदौलत इतिहास बदल डालो।
एक विद्यार्थी की हर लड़ाई कलम और कागज से लड़ी जानी चाहिए। समाज में उचित स्थान(IAS, प्रोफेसर,जज आदि) प्राप्त करने के लिए समाज से लड़ने की जरुरत ही नहीं। खुद को इस काबिल बनाना है कि समाज खुद धर्म, जाति और सभी क्षुद्र मानसिकताओं से उभर कर सिर्फ उपलब्धि​यों के आधार पर हमें पहचानें। छात्र जितना राजनीति से दूर रहें उतना देश लिए अच्छा है खास करके झारखण्ड के विद्यार्थियों को इसे समझना बेहद जरूरी है झारखण्ड खनिज सम्पदा में समृद्ध होने के बावजूद भी यहा आज विकास की गति कम क्यों है?
इसका सिर्फ और सिर्फ कारण सही नीति निर्धारण का अभाव है ।
झारखण्ड या किसी भी प्रदेश में वहां की जनता वातावरण संस्कृति और भाषा के अनुरूप नीति निर्धारण हो और जमीनी स्तर पर योजना का कार्यातित हो तभी विकास संभव है।
चुनौतियों से लड़ने का साहस, आत्मविश्वास, दृढ़संकल्प, श्रद्धा और समर्पण की भावना से ही आप जीवन मे सफल होते है और समाज  सेवा भी।


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