इम्तिहान का जिक्र करते हुए माँ को चिठी

👏प्रणाम माँ..

 सुनो....


नही जानता कि यह चिट्ठी आपके आंसू रोक ही दे! मगर फिर भी साथ में रहने की उम्मीद और यकीन के लिए लिखना ज़रूरी है । आप तो जानते हैं ना! कि बातें ना बोलूं, दिल ना खोलूं, जी भर ना रो लूं तब तक एक भारीपन्न रहता है मेरे मन पर । आपको तो पता है कितनी दफ़ा तो रोया हूँ घर मे। वही आदत है अभी भी वैसे भी सब कहते हैं राहुल इतना भावुकता ठीक नही!!




😊जानती हो जब तुम मेरी प्रतिक्षा करते करते किसी उदासीन शाम की तरह अपनी 
★★आँखों के चमकते नूर(रोशनी) को बे-मन से आँसुओं के छुपे समंदर के आखरी छोर पर डुबा रही होती हो ना तब मैं एक क्षण के लिए परेशान हो जाता हूँ ये सोच कर कि कहीं ये डूबता हुआ नूर(चमक) फिर से तुम्हारे आँखों के आसमान पर ना चमका तो मैं पापा को क्या जवाब दूँगा । मगर अगले ही क्षण मन में ख़्याल आता है कि हम तुम्हारी प्रकृति हैं और तुम जानती हो अच्छे से कि तुम्हारे इस नूर की रौशनी से ही हमें जीवन मिलता है । सूर्य कितना भी थका हो मगर अगले दिन प्रकृति के लिए ज़रूर उदय होगा । उसी तरह तुम्हारी इन आँखों के नूर को भी चमकना होगा । 


मैं अभागा हु मैट्रिक के बाद से अभी तक दूर दूर दूर ही रह रहा हु। माँ तू  बहुत रोती है इसलिए ज्यादा नही लिख सकता की आपके बिना हम भी कैसे आंसू ढरकाते है हर रोज!
ज्यादा कुछ ना सोचिए वैसे भी अब ये दूरी अब हमेशा के लिए खत्म होने को है। 
पापा आप दोनों से मैने क्या सीखा है ? मैने आप दोनों से त्याग निभाना सीखा है । मैने सीखा है कैसे एक साथ रह कर थोड़े में बहुत खुश हुआ जाता है । मैने सीखा कैसे खूब सारा झगडा कर अगले ही पल कैसे मान जाया जाता है । 
आपको आज मैं अपने अधूरे प्रेम के बारे कुछ अहसास बताना चाहता हु वैसे कोई प्रेम अधूरा नही होता, प्रेम अपने आप मे पूर्ण। हमलोगों ने हजारो सपने बुने थे और मिलना मुमकिन सा हो गया था मगर हमारे समाज के सडी गली रिवाजो ने हमारे मिलने के सपनो को नामुमकिन कर दिया उसे जबरन शादी करना दिया गया
माँ उससे मुझे तब प्यार हुआ था जब मैं प्यार का मतलब भी नहीं जानता था । बस उसे देखते रहना अच्छा लगता था। वैसे बहुत खूबसूरत है वो दिल दिमाग और अदाओं से।
उसके चेहरे की वो मुस्कान जो हज़ार मुसीबतों और परेशानियों को सह कर भी बनी रही, बेहद कमाल थी । 
आपके बाद सबसे ज़्यादा मैने उसी के मुस्कुराहट को याद किया । कितनी दुर्लभ भी तो थी वह शर्म घुली मुस्कुराहट क्योंकि सबने उसको गुस्से में देखा, खुल कर हंसते देखा, उदास होते देखा, हर तरह देखा मगर यूं हल्की सी शर्माहट के साथ मुस्कुराते हमारे सिवा किसी ने नहीं देखा होगा उसे। और माँ, उसके तो क्या कहने उसकी आँखों में तैरती खुशी को तो बस घंटों बैठ कर देखते रहने का मन करता अभी भी। मैने पहले कभी नही कहा आपको, उसने  
अपने साथ वो मेरी मुस्कुराहट भी लेकर चली गई । उसके जाने के बाद  मैने उसे नहीं देखा ना वो कभी सम्पर्क की। माँ सच कहू उसकी मुस्कुराहट की बात ही अलग थी वह असली थी उसकी जगह कोई और नहीं ले सकती जैसे तुम्हारी मुस्कान का एहसास कही औऱ हो ही नही सकता।
 जैसे बेमौसम की बरसात सावन की बरसात की जगह नहीं ले सकती, जैसे लाखों रुपयों की सजावट में खुली प्रकृति के स्पर्श के अहसास की जगह नहीं ले सकती, जैसे हज़ारों वाट के बल्ब भी सूरज सी चमक नहीं दे सकते, जैसे हज़ारों नए गायक फिर से रफि साहब किशोर दा और लता दी का वो सुनहरा दौर वो रुहानी आवाज़ वापिस नहीं ला सकते, उनकी जगह नहीं ले सकते वैसे ही हम हज़ार मुस्कुराहटें कुर्बान करने के बाद भी वो आपकी ऒर उसकी मौजूदगी में खिलने वाली मुस्कुराहट वापिस नही ला सकते। मुझे पता है वो मुझसे बेहद प्यार करती थी 
पहले उसे ज़िंदगी जीना अच्छा लगता था मगर अब वो सिर्फ जी रही होंगी वहाँ। खैर छोड़ो ये सब मान लिया कि 

जो लकीर में नही , उसी से जिन्दिगी टकरा गई।
रब से विनती  है वो जहाँ रहें सुकून से और खुश रहें वही मुस्कान के साथ.

 याद होगा माँ 5वी कक्षा से 8वी तक आपको
 बार बार तंग  करता था यह कह कर कि "आज ये बनाओ आज वो बनाओ, नहीं नहीं इस सब्जी का टेस्ट उस दिन जैसा नहीं ।" और तू लगन औऱ खुशी खुशी बना के खिला भी देती थी  और तो और टिफ़िन खोलते ही झपट पड़ते थे कमीने प्यारे दोस्त मेरे।
 आज वही सब खलता है माँ, मैं भी तुम्हे तरह तरह ब्यजन अपने हाथो से बनाकर खिलाना चाहता हु औऱ साथ मे खाना भी।
तुमने पुराने किस्से जो वो पहले सौ बार सुना चुकी हो भले मैं दोबारा नहीं सुनता था।
पर अब मैं छोटा सा लेखक बन गया हूं इसलिए लिखी हुई 30 कहानियो को सामने में आपको सुनाना चाहता हूँ। बूढ़ी होने से कोई रोक तो नही सकता आपको पर डाइट ओर स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखना है हमे|

मैं जानता हूँ तुम्हें मेरी सबसे ज़्यादा चिंता है क्योंकि तुम्हारी गढ़ी इस प्रकृति का सबसे बेजार और बंजर हिस्सा मैं ही तो हूँ । तुम्हारी आँखों के इस नूर का इतना उदास हो कर डूबने की कितनी वजहों में से एक बड़ी वजह मेरा चाह कर भी तमाम कोशिशों के बाद उपजाऊ ना हो पाना है । सबने यकीन तोड़ लिया है मेरी तरफ़ से मगर तुम निराश ना होना माँ । तुम्हारी हिम्मत ही है जिसकी वजह से मैं रोज़ हर दिन अपने हौंसलों का हल ले कर निकल पड़ता हूँ अपने अरमानों की बंजर ज़मीं को जोतने । 
ये सच है कि थोड़ी देर हो चुकी जन्मभूमि(झरखण्ड) का सेवा करने में!
 पर सालो की मेहनत है माँ बेकार नहीं जाएगी । वैसे भी आज मैंने रिश्क लेकर मेहनत पर निकला हु जैसे कि पापा का अनुभव है और ये सार्थक भी है कि जीवन मे रिश्क न लिया जाए शायद जिन्दिगी भेड़ चाल में ही गुज़र जाया करती है।

 
मा जैसा की हम दोनो का
सपना है गरीबो की सेवा करना और थोड़ी थोड़ी करते आ रहा हु वर्षो से मगर खुल कर पुरी मन लगन से नही कर पाता  कारन यह है की मेरे पास पावरफूल जॉब नही है और ना ही बहुत
पैसे है आज के दोर में ये दोनो में से ऐक होना बहुत ही जरूरी है। आपको पता है कि मैं पैसे के पीछे नही भागता । तो बस मेरे पास इक ही रास्ता है पावरफुल जॉब और उसी के लिए लगा हु। अभी तक 4 वर्षो में पूरी परीक्षा नही ले सकी है JPSC इसके ढीले ढाले एव भ्रष्ट रवैये से कभी कभी डरता भी हु कि इतने सालो के मेहनत के बाद उसी कि तरह ये भी हाथ से न निकल जाये
खैर तुम्हारी दुआ साथ है तो सोचना क्या .... आप तो मेरे साथ हमेशा हो न!

दौलत की विशाल नदी ना सही मगर सम्मान की छोटी सी नहर मेरे अरमानों के खेत से हो कर ज़रूर गुज़रेगी । तब तुम देखना कि छोटे से इस अरमानों के खेत को मैं सुंदर सी बगिया कैसे बनाता हूँ । ऐसी बगीया जहाँ सिर्फ तुमारी मुस्कुराहटों के फूल खिले होंगे । जहाँ तुम्हारी गोद जैसी नर्म घास उगी होगी । जिस पर लेट कर मैं हर रोज़ अपने होने वाले इतिहास का एक शानदार पन्ना लिखा करूँगा । जब तुम इस सुंदर सी बगिया के पास से सम्मान की बहती वो नहर देखोगी ना तब तुम्हारी बूढ़ी आँखों में संतोष भर आएगा । 
यकीन मानों माँ, मैं भले ही तुम्हें ढेर सारी दौलत ना दे पाऊँ मगर तुम्हें एक ज़िम्मेदार बेटे की माँ होने का गर्व ज़रूर महसूस कराऊंगा । बस तुम वैसा ही भरोसा रखना जो आज तक मुझ पर रखती आई हो । तुम्हारी आँखों का डूबता नूर एक दिन अपनी पूरी चमक के साथ तुम्हारी आँखों के आसमान की बुलंदियों पर उगेगा । ये मेरा तुमसे वादा है और तुम तो जानती हो मैं वादे करता नहीं और अगर कर लूँ तो उसे टूटने नहीं देता 
माँ अब बस मुस्कुरा दो जिससे मुझे हिम्मत मिल जाए और ड्रीम जॉब हासिल कर सकू इस बार
दुआ में पहली मांग यही करना कि JPSC को भागवान इतनी शक्ति दे कि वो निष्पक्षतापूर्वक जल्दी से जल्दी परीक्षा ले 
तुम्हारा जिदी बेटा

राहुल

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