ललका खजुर😊

#यह रेड बरिह फ्रेश ऑर्गेनिक डेट्स है।


यह हमारे एरिया वाली पीली खजूर जैसे कसैले नही, इसमें नाम मात्र के कसावट होती है भसावट तो बिल्कुल नही, यह मीठी लगती है इसका जूस पिकल भी बनाया जाता और यही सूखे पैक्ड डेट पाम मॉल में
600-1000₹/kg बिकते है।

हमारे क्षेत्र में खजूर महज एक झाड़ भर है चूंकि यह बलुई मिटी,बंजर, पीड़,टाड़, खाली खुली डहर में अपने आप उगता चरता मरता है और उसी में कुछ लग भी जाता है अमूमन इसे झाड़ की तरह छोटानागपुर क्षेत्र में देखा जा सकता है। सामान्यतः हमारे क्षेत्र के खजूर कसैले और भसैले ही होते है जो खाने में मुह बांध देता है हा गर्मियो में पूरी तरह पकने के बाद इसे बच्चे किशोर खाते है इससे ज्यादा चबाते फेकते है।
हमारे उतरी भारत मे जानकारी के अभाव में गांव कस्बा स्तर पर इसे सिर्फ एक कसैला पिला फल भर समझा जाता रहा है लेकिन खजूर से होने वाले फायदे बहुत है इसके फूल रस,फल से लेकर जड़ तक लाभकारी है।

डेट्स खाने के अनगिनत फायदे है
यह कोलेस्ट्रॉल फ्री होता है
डेट्स में प्रोटीन के साथ साथ डाइटरी फाइबर और विटामिन B1,B2,B3,B5,A1 और c भरपूर मात्रा में होते हैं।
​एंटीऑक्सीडेंट क्रिया से भरपूर ...
​फाइबर से भरपूर ...
​हृदय रोगों का खतरा कम ...
​दिमाग को रखता है फुर्तीला ...
​गर्भावस्था में खजूर के फायदे.
​हाई बल्ड प्रेशर को कंट्रोल करने में ...
​हड्डियों को मजबूत करता है ...
डायबिटीज का खतरा कम ...
स्किन,हेयर इसु को कम...
इम्यून पावर भी बूस्ट करती है
डाइजेशन भी अच्छा....
रोज 3-4 पीस डेट्स खाने चाहिए इसमें मौजूद ये सारे तत्व हमारे स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने में बहुत कारगार है। ​

डेट्स विश्व भर में एक फेमस ड्राई फ्रूट्स है अफ्रीका ,मरुस्थलीय एवं गल्फ कंट्रीज से भारत मे आज भी हजारो टन डेट्स हरेक साल इम्पोर्ट किये जाते है जिससे हमें थोड़े पुराने व महंगा मिलता  है।
एक अच्छी बात यह है कि कृषज्ञयो ने कुछ वर्ष पहले से भारत मे डेट्स पाल्म पर फोकस किया है राजस्थान के बीकानेर, जैसलमेर, बाडमेर,जोधपुर...और अन्य शुष्क लवणीय मृदा वाले क्षेत्रों में किसानों को तकनीकी के साथ साथ उन्नत किस्म(विदेशी वेराइटी)पौधे प्रोवाइड कराए गए और वर्तमान में राजस्थान में भी जुजुबे ,रेड बेरिह, खलस, मेडजुल आदि जैसे कई वेराइटीज अच्छे मात्रा में उत्पादन होने लगा है (800टन हर साल उगाए जा रहे)।

खजूर ह्यूमस और नमी वाली जगह पे अच्छे से ग्रो नही कर पाता यह पथरीली, झाड़,मरूस्थली,गर्मिली जगहों में अच्छे से फलती फूलती है। सिचाई कम एवं एग्री खर्चा भी बहुत कम है।

अब MP, महाराष्ट्र एवं गुजरात के रेतीले क्षेत्रो में उत्पादन होने लगा है बकायदा आम अमरूद चीकू की तरह ही इसका भी एकड़ में डेरी बनाया जा रहा और इसके जूस, पिंडखजूर व फलो का ब्यवसायिक भी किया जा रहा।

हमारे झारखण्ड के सूखे क्षेत्र,सुद्रवर्ती क्षेत्र के रास्ते किनारे,
बलुई,पीड़,टाड़,बंजर,परती क्षेत्र में भी इसका स्कोप है।

पासी भाई जो ताड़ के पेड़ से जीवनयापन कर रहे वे साथ में खजुर की खेती कर सकते है क्योकि जहा ताड़ उगता है वहा खजुर भी आसानी से उग सकेगा जैसा कि इसमें लागत कम है वहां भी लाल व पीली खजूर के अच्छे किस्म उगाने से यह व्यवसाय का एक जरिया बन सकता है और खाली जगहे, बंजर भूमि में खजुर पेड़ लगने से हवा तूफान से उड़नेवाले रेतीली धूलकण भी रोकेगी वह जगह सुंदर भी लगेगे ।

जिस तरह छोहाड़ा खजुर दोनो अलग चीजे है उसी तरह ताड़ खजुर में भी बहुत अंतर है

ताड़ और खजुर एक जैसे दिखते है चुकि खजुर, ताड़ की एक प्रजाति है लेकिन यह फलदार वृक्ष है।
ताड़ एक मजबूत लचीला तनमयी ऊँची लंबी पेड़ है आजकल इसे बतौर वायुरोधक के लिए एयरपोर्ट कम्पनी में,सड़को के बीच एवं समुद्री क्षेत्र में।
ताड़ की अलग अलग प्रजातियां है
ताड़ी वाला ताड़, समंदर किनारे, बड़ी चौड़ी सड़को के बीच..
घर के बाहर शो में, इनडोर पाम...आदि

"बाप लगाता है बेटा कमाता है"
यह कहावत ताड़ के लिए है इसकी पेड़ की उम्र 80 वर्ष तक हो सकता है।
यह ताड़ी के लिए तैयार होने में 20-25 साल लगा देता है।
ताड़ के पेड़ भी दो तरह के होते हैं। एक वांजे, जिसमें फल नहीं होता और दूसरी फल वाली जिसे फलनियां कहते हैं। इसमें सबसे वांजे की ताड़ी सबसे ज्यादा अच्छी मानी जाती है।
गुजरात सरकार ने ताड़ रस(ताड़ी) को प्रोमोट भी किया है कभी कभी पार्क के बाहर 5₹ में एक गिलास ताजा जूस(ताड़ी) मिलता है।
बकायदा ग्रामीण विकास मंत्रालय के स्टिकर लगे ग्लास में जूस के बेनिफिट्स भी लिखे होते है।
ताड़ से मटकी को सूर्य किरण से पहले पेड़ से उतार लेनी चाहिये और
1-2ग्लास सुबह सुबह खाली पेट पीना किसी जूस से कम नही है
डाइजेशन सही एवं पेट आत को साफ करता है।
ताड़ी को धूप/गर्म स्थान में रखने से सड़ जाता है जो किसी ओरिजिनल फलहर दारू के उतना ही नशा उतपन्न करता है।

तबे ससुरा मादक लेने वाले जान बुझकर दुपहरिया गदबेर और रतिया में इसे पीता है बकायदा चखने के साथ🙄

ताड़ से गिरा खजुर पे अटका🙄

इसे गटका🤪 गुठलियाँ रख लिया जाऊ कभी जंगल झाड़ तो फेक दूंगा वही।

~राहुल प्रसाद✍

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