पीपल दद्दा

करीब साल भर बाद इनके पास आना हो पाया था
मुझे देखते ही हालचाल पूछे और बोले “कहां रहे इतने दिन मेरे जागरूक मित्र”? 
......
चरमराती धूप ताप उमस…खारा रसायनी पानी...ग्लोबलवार्मिंग....तूफान....
वायरस और तो और अब सांस लेने भी मसक्कत करनी पड़ रही  #मेट्रो में 
(दबे लहजे में मैंने उनसे कहा)

ये है हमारे अजीज मित्र पीपल दद्दा ! 
उम्र में मुझसे क्या मेरे दद्दा से भी बड़े हैं लेकिन कितने बड़े ये ना मैंने कभी पूछा ना उन्होंने बताया पर हरियाली के हिसाब से ये वयस्क हैं और रहेंगे आगे कई दशकों तक!
देते रहेंगे ऑक्सीजन,नमी और छाँव ताकि ऊर्जावान रहे मेरा गांव।

#काश! हम सब निवास के चारो ओर ऊगा पाते... बचा पाते ऐसे मित्र!

"कोरोना काल से जन्मा नारा 
पीपल,बरगद,नीम,जामुन,अशोक,तुलसी
से घिरा गाँव हो हमारा।" 

#WorldEnvironmentDay 
#Save nature #Save life
~Rahul Prasad

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