आम के आम गुठली के दाम

इंसान के हाथ की बनाई नहीं खाते
हम आम के मौसम में मिठाई नहीं खाते
- मुनव्वर

तौकते और यास तूफान ने सबसे ज्यादा नुकसान आम का किया है ,
आँधियाँ अक्सर कच्चे आम गिरा देती हैं।
बचपन के वे दिन याद आ गए जब पकने के इंतज़ार में बग़ीचा ऐसे ही आमों से बिछ जाता था। उस समय ख़ुशियाँ इसमें ही होती थी कि इन टूटे आमों को कौन कितना लूट कर घर लाता है। मीठे आम न सही खट्टे जो अचार अमझोरा गुड़ामा के लिए ठीक। गांव के बिना रख रखाव वाले आम को बच्चे ढेंका लबेदा से झार झुर के पहले ही गिरा देता था और जो कुछ थोड़ी आम बचता  वो ऊपरी डाल में पक्क जाता
 मैं ज्यादा ऊपर पेड़ नही चढ़ पाता इसलिए हम तो कच्चे आमों को लाकर   भूसा चावल में दबा देते थे, कुछ दिन बाद पक जाते थे
कभी कभी तो सारे के सारे आम भाई बहन चोरी चुपके गटक जाता था😄 
आम का इतना नशा की भीषण गर्मी के दोपहरी लू में भी बगीचे में लबेदा चला रहे पकड़ा जाते और पापा वही कुटाई चालू कर देते..😊😊 

वैसे #वृक्ष से डायरेक्ट तोड़ खाये जानेवाले अधिकतर फल ऑर्गेनिक होते ही
किंतु जिसे पकाने के लिए बाजार में कार्बाइड रसायनी वगरह यूज किया जाता है वह पेट और मस्तिष्क के लिए नुकसानदेह होता है....

एक कार्टून में आम, केले ,शरीफे...आदि  दो चार अखबार के बीच अच्छे से लपेट(वायुरहित)करके रखने से 6-7दिन में यह पेड़ में लगे मीठे फल की तरह तैयार हो जाता है और टेस्टी भी....
#एक कार्टून में नीचे जुट/पुआल/पेपर रखे थोड़ी सी गैप में आम रखे फिर जुट/पुआल/पेपर रखे और उस पर आम रखे गैप में प्याज भी रख दे अब ऊपर से ढक दे/वायु न जाये फिर इसे कमरे के अंदर गर्म स्थान में रख दे ज्यादा फैन ac की हवा न पहुचती हो।
आप भी ऑर्गेनिक तरीके से फल पकाये खाये। कोई भी फल खाने से 10 मिनट पहले पानी मे डुबो दे खास करके आम।
आदमी चाहे तो एक दिन 2kg भी आम खा सकता है कोई दिक्कत नही इसमें विटामिन A, Cभरपूर  है केलोस्ट्रोल भी कण्ट्रोल करता है।

बस ध्यान दे चोटिल या कीड़ा फंगस वाला आम ना पकाये और ज्यादा दिन के पिलपिलाती आम भी ना खाएं काटते वक्त देख ले कीड़े हो सकते है।

#केसर आम रूम मे हो और मैं उसे 7दिन के लिए छोड़ दु हमार जिह्वा इतना कहां मानता रे बाबा
 खोल दिया .....
4 दिन का पका आम😘
आप ऐसा न करे या बीच बीच मे खोलकर के भी ना देखे।
यहां से जाने के बाद सबसे ज्यादा मैं इसी को मिस करूँगा क्योकि पिछले 6वर्षों से समर सीजन का मुख्य आहार जैसा रहा।

वैसे भारत मे आम की लगभग हजार प्रजातियां है जिसमे टॉप पर
1 अल्फांसो(आंधप्रदेश) 
2 केसर(गुजरात)
3 हापुस(महाराष्ट्र)
4 लंगड़ा आम (बनारस व उतर भारत)

महाराष्ट्र गुजरात में इन आमो को बहुत बड़े पैमाने फार्मिंग हो रही एक अच्छा बिजनेस किया जा रहा ऑर्गेनिक मैंगो फॉरेन भी एक्सपोर्ट किए जाते है कई कई एकड़ में यहां इसकी डेरी होती है
एक्सपर्ट एवं तकनीकी का प्रयोग करके उपजाते(कलमी, ग्राफ्टिंग) है औऱ हार्वेस्टिंग(जवा होने पर पौधे में ही फल को जुट/पेपर से कभर करते है ताकि जल्दी पक्के और कोई किटपतंगे न लगे और पक्षी खाये नही।

"आम के आम गुठली के दाम"

आप घर पर आम का पौधा जल्दी उगाना चाहते हो तो हा गुठली को नीचे से काटे औऱ उसके अंदर पड़ी बीज को थोड़ी भरभरा गोबर राख व मिटी के मिश्रण रख थोड़ी मिट्टी से ढक दे सनलाइट पड़े और पानी दे थोड़ी नमी बरकरार रखे महज 10दिन में उग जाएगा।
वैसे भी कोई भी फल की गुठली को ब्यर्थ ना करे उसे एकत्रित करे और कभी खाली स्थान/झाड़ी/जंगल से गुजरे वही रख उस पर मिट्टी डाल दे ताकि फिर से वह फल दे सके और प्रकृति को हरियाली।

~राहुल प्रसाद(राह)

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