कटु सत्य 10 "अनुभव से"

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प्रेम ज़िम्मेदारी का नाम है | अगर आप प्रेम मे हैं तो आपको ज़िम्मेदार होना पड़ेगा | जी हाँ आप दोनों को | अपने प्रेम को बनाये रखने की ज़िम्मेदारी अपने रिश्ते को मजबूत करने की ज़िम्मेदारी | सामने वाले के खिसियाने से उदास होने से आप भी उसकी तरह कर के इस ज़िम्मेदारी से पल्ला नही झाड़ सकते | आपकी आदतों से अलग अगर उनकी आदतें हैं तो आपको उन आदतों में रहने की आदत डालनी होगी ऐसी ही ज़िम्मेदारी सामने वाले की भी बनती है | आपको झुकना भी होगा फर्क नही पड़ता दुनिया के सामने आप कितना अकड़े हुये हैं | आपको रोना भी होगा फर्क नही पड़ता सबके सामने आपकी आँखें हमेशा पत्थराई रहीं | आपको वो सब करना होगा जो आप अपने रिश्ते को सही रखने के लिये कर सकते हैं | आपका आपकी आदतसके हिसाब से बदलना ही ये तय करेगा की आपका रिश्ता आपके लिये कितने मायने रखता है | हाँ पर ये सब तभी हो अगर सामने से इसका असर दिख रहा हो अगर सामने वाले को इसकी परवाह हो तब | प्रेम है तो परवाह लाज़मी होगी , परवाह नही तो आप समझ लें आप ठगे गये | फिर आपके कुछ भी करने से कोई फायदा नही | झुक जायें अनमोल रिश्तों के लिये ऐसे झुकने में कोई शर्म नही है | ये सब सिर्फ प्रेम और प्रेम से भरे रिश्तों के लिये है | आंडू पांडू के आगे यूं ही झुक जाना आपको आपकी ही नज़रों में गिरा देगा | 
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किसी आपने की चुप्पी को समझिये वो बोल क्यों नही रहा । क्या वो बदलना चाहता है यदि हाँ तो खुद को भी ज़रा सा बदलें । कोई आपके लिये नज़रिया बदल सकता जीने का तो क्या आप कुछ आदतें नही बदल सकते ? अगर नही बदल सकते तो आप तैयार रहिये पश्चाताप की आग में झुलसने के लिये । जिस दौर में लोग आपके आग्रह पर भी बस की सीट नही बदलते वहाँ कोई आपके लिये अपना नज़रिया अपने नियम बदल रहा है बिना कहे । अपनी इस महत्वता और महत्व देने वाले की कद्र करें । सलाह ही है बाकी फैसला तो आपको ही करना है ☺
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आप नकारे जाते हैं | लोगों के ताने सुनते हैं यहा तक कहके आपको हतास करने की कोशिश करेंगे की शहर जाते ही मा बाप को भूल गया| हर काम की निंदा होती क्योंकी आप अलग करते हैं | सबसे अलग | ये सब निशानियां होती हैं आपके आगे बढ़ने की | ये बतातीं हैं के आप औरों से अलग हैं औरों से बेहतर भी | और लोग खुद से बेहतर को देखना नही चाहते इसी लिये मज़ाक बनाते हैं | टूटीये मत आगे बढ़ते रहिये | और अच्छा करके अपने माँ पिता का नाम रौशन करे और अपने साथ रखते हुए बेहतर जीवन दे। 
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मोटी रकम ले कर नाची तो प्रतिष्ठित अभिनेत्री | कम पैसों में नाची तो छी मुजरा करने वाली | पैसों के लिये पार्न स्टार से अभिनेत्री बन गई तब भी फिल्म को लोगों ने करोड़ों का मुनाफा करा दिया | किसी ने बच्चों की पेट की आग बुझाने के लिये जिस्म बेचने की भूल कर दी तो संसार का सबसे बड़ा पाप कर दिया | यहां हम उसी को पत्थर मारते हैं जो हमारी पहुंच मे है | जो हम से कहीं ऊपर बैठा है वो कितना भी घिनौना हो पसंद कर ही लिया जाता है | हम भारतवासी सच में महान हैं |

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दौलत की हवस कर रही है रिश्तों को तार-तार 

धार्मिक और नैतिक दबाव समाप्त हो रहा .जमीन और संपत्ति के मूल्यों में बेतहाशा वृद्धि हुयी हैजिसके कारण 
नयी पीढ़ी अपनी पैतृक संपत्ति को बेच कर मौज मस्ती करना चाहती है जबकि पुराणी पीढ़ी के लोग मोह वश 
अपनी संपत्ति को बेचना नहीं चाहते और जब वे सपत्ति को बेचने का विरोध करते हैं तो नयी पीढ़ी उनसे गाली गलोच 
और मार पिटाई तक उतर आती है।पंजाब और हरियाणा में ऐसे कई उदहारण आये हैं जहाँ संपत्ति के मामलों में अपने
ही खून के लोगों ने अपने ही खून की हत्या तक कर दी। खूनी रिश्तों को तार-तार करने के लिए अगर कोई जिम्मेवार है तो 
वो है ज़र ,जोरू और जमीन।
हर कोई इस सच्चाई को भली भाँती जानता है की ये दुनिया नाशवान है जिसमे पैदा होनेवाले हर व्यक्ति की मौत लाजमी है 
मरनेवाला कोई इंसान एक दमड़ी भी साथ नहीं ले जाता ,मगर उसके बावजूद इंसान दौलत बटोरने की अंधी दौड़ में शामिल
होकर पागल हो रहा है भाई-भाई के खून से हाथ रंग रहा है तो माँ -बाप की हत्या उसकी अपनी ही औलाद कर रही है। 
खून के रिश्ते ख़त्म किये जा कर केवल उनसे रिश्ते बनाये जा रहे है जिनसे आर्थिक लाभ हो।
हम सब सभी इस सच्चाई को जानते हुवे भी अनजान बने फिर रहे हैं। भगवन हम सबको कब समझने की शक्ति देगा . 
रिश्तों को तार -तार हम कब तक किये जायेंगे। हमारे मानवीय और खून के मूल्यों को हम गिरते हुवे कब तक देखेंगे।

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