बात दिल की


#कुछ लिख रहा हूं | शायद इस लेख से कितनो के उपहास का ☺पात्र बन जाऊं | शायद को ध्यान भी ना दे | मगर अभी मेरी वो हालत नही के मै इतनी गहराई तक सोचूं | इसी लिये बिना सोचे लिख रहा हूं |
            
@ ये जो कुछ लिखूंगा ये किसी को पढ़ाने या बताने के लिये नही | ये बस मेरे मन को हल्का करेगी | वो बातें जो मै सामने सो किसी को ना बता पाऊं अब शायद | जो बस ज़हन मे घुमती हैं और मुझे इतनी तकलिफ देतीं हैं जितनी शायद शरीर पर लगी गहरी चोट भी ना दे | 

😢बात दिल की बस यूं ही...


@@नही जानता प्यार क्या होता है...
💝मगर अच्छा लगता है उसके बारे मे बात करना | उससे बात करना | उसका होना ना होना अब मायने रखता है | है तो मन खुश कभी दूर है तो कहीं चैन ही नही | उसकी परेशानियां अपनी लगती हैं | बच्चा बन जाता हूं उसके आगे सारे भेद खोल देता हूं | जो मन मे आता है बे झिझक बोल देता हूं | रो लेता हूं जब मन हो हंस देता हूं बिना बात के | उसके रूठने से फर्क पड़ता है | किमत कुछ भी हो बस उसको खुशियां देते रहने का मन करता है | मन होता है उसे खिलखिलाते देखूं हर वक्त | उसकी आवाज़ सबसे प्यारी लगती है | वो दुनिया मे सबसे सुंदर तो नही | मगर मां के बाद अगर कोई चेहरा भाता है तो बस उसका ही | ये सब ना जाने क्या है | क्या प्यार यही है नही जानता |

                                                    😘    जब इस प्यार व्यार के बारे में नही जानता था ना तब फिल्मों मे हीरो को हीरोईन के लिये रोते देखता तो सोचता था के साला पागल है क्या बेवजह रो रहा है | एक गई तो दूसरी तो पाप ढूंढ ही देन लेके सादी समय इसमे रोने की क्या बात है | पर अब समझ आता है | जब खुद अनुभव किया बार बार | तब जाना के कोई कैसे इतने मायने रखना है | जिसके लिये जिसको अपनाने के लिये इंसान किसी हद तक जा सकता है | बिना लोक लज्जा की परवाह किये | कैसे सुबक सुबक कर रोता है | कैसे सब में मुस्कुरा कर अकेले में सिरहानों मे मुह छुपा कर इतनी हौले से रोता है के कोई और ना सुन ले | मन में हर दम डर बना रहता है के कब अलग होने का फरमान आजाये | और उपर ले रिश्ता कहीं लांग डिस्टैंस का हो तो दर्द मानो कई गुना बढ़ जाता है | किसी को बता नही सकते लोग बस हंसी उड़ाते हैं | रो नही सकते उदास नही दिख सकते | 
   कुर्बानी देनी पड़ती है ज़ात के नाम पर मां बाप के नाम पर और ना जाने कितने नामों पर | तब अपना स्टेटस भी खलने लगता है के कहीं अमीर परीवार से होता तो शायद बात बन जाती | तरह तरह की सोच दिमाग खुद सोच लेता हैै | फिर जब रह रह कर वो अजीब सी तड़प उठती है ना मानो के उस से अच्छा मरना लगने लगता है | लेकीन मरा भी नही जाता ना | 
                                           
जब कोई बात या किसी के जाने का डर आपको अन्दर ही अन्दर खाये जाता है | हर घड़ी आपको निचोड़ता है | आप उस दर्द से खुद को इतना तड़पती हुआ पायेंगे के ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने का मन करेगा मगर आप चिल्ला नही पाते हो | उस वक्त लगता है के काश कोई होता जिसे मैं अपना सारा दर्द बता के रो पाता | जो मुझे समझता | मगर अफसोस ऐसा कोई नही वजह भी आप ही होते हैं आपकी गलतियां होती हैं जिसने आपको अपनो की नज़र में ऐसा बना दिया होता.है के आप रोते हैं तो वो सोचतो हैं अरे इसका तो हमेशा को है | ये वो वक्त जब आप इतना अकेला महसूस करते हैं के जैसे मानो दुनिया म आप और आपके दुखों के सिवाय कुछ है ही नही |

👌प्यार खुबसूरत है दुनिया में सबसे ज्यादा खुबसूरत बशर्ते उसको समझा जाए, अपने आसपास किसी को प्यार में खोया देख उसका मजाक न बनाइए उसे समझिये उसपर हंसने की बजाये ये सोचिए कि आखिर उस प्यार में ऐसा क्या है जिसने उसकी ज़िन्दगी को इतना खुबसूरत बना दिया । क्यों उसे किसी और की ज़रूरत ही महसूस नहीं होती सिवाए उसके जिस से वो प्यार करता है । प्यार खुबसूरत है जनाब बस उसे आपका ना समझ पाना ही उसे एक भयानक अंजाम तक ले जाता है ।


भगवान सब को ऐसे किसी भी अंजाने दर्द से बचाये | बहुत तकलिफ देता है ये |

    👏शुकर है भगवान ने इतनी दया दिखाई के लिखना सिखा दिया थोड़ा बहुत अलूल जलूल ही सही | इस से कम से कम अपनी बात तो कह देता हूं | मगर ये कब थमेगा | कब तक जख्म फिर मरहम फिर उस से बड़ा जख्म मिलता रहेगा | इसका जवाब नही मिलता | मेरी पीड़ा शायद ही कोई समझे | बल्की मै तो दुआ करूंगा ना ही कोई समझे क्यों किसी को मेरी वजह से तकलिफ हो |

उपर की सभी लाईनस कालप्निक समझ लीजिए तो बेहतर होगा जो बस यूं ही लिखी गईं हैं | 

~🙅rp

जी लूँ तुम्हारे अहसास संग

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