"लेखन और लिखना"


"लेखन और लिखना"

आज पुस्तक लेखन एक बड़ी चुनौती है चुकी आज सबके हाथ में स्मार्ट फोन है वे किताब पढने कि बजाय ब्लॉग पढना , सोसल मीडिया का पोस्ट पढना , ऑनलाइन न्यूज़ पढना , इ बुक पढना और विडिओ देखना समझना पसंद करते है और ये इस ब्यस्त जीवन में सही भी है परन्तु इन सबका आधार तो स्क्रिप्ट ही है यानी लेखन के बिना कोई भी साहित्य, नाटक या फिल्मे सम्भव नही अतः लेखन हर जगह है ऑफलाइन या ऑनलाइन| लेकिन इन सबके बिच किताब पढने का एक अलग मजा है, सुकून है और बहुत सारे फायदे भी
किताब पढ़ने से हमारे शरीर को कई ढ़ेर सारे लाभ मिलते हैं। उसमें से एक है अच्‍छी नींद का आना। रात को अगर अच्‍छी किताब पढ़ कर सोया जाए तो दूसरा दिन काफी ऊर्जा भरा होता है। हर इंसान को हर दिन आधे घंटे के लिये जरुर किताब पढ़नी चाहिये। किताब पढ़ने से तनाव और अकेलापन भी दूर होता है। अगर आप एक बहुत अच्‍छी किताब पढ़ते हैं तो उसके दूसरे दिन आपके शरीर और दिमाग दोनों में ही जोश भर जाता है।पढ़ने से इंसान को मूड भी रिफ्रेश हो जाता है। अगर आप गुस्‍सा हैं या उदास हैं और अकेला महसूस कर रहे हैं तो किताब उठा कर पढ़ना शुरू करें। बेहतर नींद, एकाग्रता, शुद्ध ज्ञान कि प्राप्ति वो भी लम्बे अवधि तक यददास्त के साथ, प्रेंरनास्रोत उर्जा,शब्द भंडार कि बढ़ोतरी इत्यादि इसी तरह से किताब पढ़ने के बहुत फायदे और भी हैं| लेकिन हम यहा बात कर रहे लेखन का चाहे पुस्तक लेखन हो अथवा सोशल मीडिया पर पोस्ट या ऑनलाइन ब्लॉग लिखना हो लिखने के फायदे पढने से कही ज्यादा है जैसे अच्छी नींद आती है,दूर होता है अकेलापन और अवसाद, सेल्फ असेसमेंट यानी खुद का आंकलन, मजबूत होती है याददाश्त, रेगुलेरिटी की आदत, आलस्य दूर, नये आईडिया आते हैं, अनुभवों से बदलती है सोच और तस्वीर, शांति आदि|
सबसे पहले हम सब डायरी लिखना पसंद करते है डायरी लिखने का सबसे बड़ा फायदा है कि इंसान के पास हर चीज का रिकार्ड मेंटेन रहता है, अपने और अपनों से जुड़ी बातें अगर आप रोज डायरी में लिखेंगे तो आप कभी भी चीजों को भूल नहीं पायेंगे। जीवन को रिकॉर्ड करती है डायरी|
लेखन की सबसे महत्वपूर्ण बात ये है की मायने ये नही रखता की आपने क्या लिखा मायने ये रखता है की आपने कैसे लिखा | उन शब्दों के प्रति कितना स्नेह दिखाया उन्हे कितने प्यार से समझाया | मायने ये रखता है आपने उनरे प्रति कितनी ईमानदारी बरती | 
बच्चा खेल रहा है वो सबको दिख रहा है कोई भी लिख देगा " मैं बैठा हूँ सामने बच्चा खेल रहा है | " पर ये लिखना वो लिखना नही जिसकी लालसा आपके मन में है | अगर आप बच्चे का खेलना लिख रहे हैं तो आपको उसके अहसास भी लिखने होंगे, उसकी मुस्कुराहटें भी लिखनी होंगी आपको ये भी लिखना होगा की उसके चेहरे को भाव कैसे थे | असल में आपको बच्चा बन कर उस बच्चे को शब्दों में उतारना होगा-इसे लेखन कहते है | 
किसी का दर्द लिख रहे हैं तो वो दर्द आपको खुद में गहराई तक महसूस करना होगा | किसी की खुशी लिखते हैं तो उसकी मुस्कुराहटों को अपने होंठों पर नचाना होगा | लिखना आसान है मगर ऐसा लिखना जो किसी के दिल में घर कर जाये बेहद मुश्किल...आप जितना महसूस करेंगे उतना ही लिख सकेंगे | तो महसूस करना शुरू करें कलम खुद से चलने लगेगी |…
दूसरे शब्दों में कहे तो 

लिखना एक ज़रिया है मन की बात कहने का | प्यार नफ़रत क्रोध और दर्द को बयान करने का | जो किसी से नही कह सकते वो लिख सकते हैं | बेझिझक किसी की कोई रोक टोक नही ।

जैसे देखे कि मुझे प्यार💝 मोहब्बत वाली कहानिया में रुचि और अनुभव है तो प्रेम पर एक  बेहिचक लेख लिख रहा हु।

।**प्रेम ! ये शब्द खुद में कितना अधूरा लगता है ना ! मगर असल में इंसान इसके बिना अधूरा है | किसी ना किसी बहाने इस से हर कोई जुड़ा हुआ है | कहीं ना कहीं कोई तो होगा जिसकी मुस्कुराहट के लिये घन्टों उसे निहारते होंगे आप | कोई तो होगा जिसकी खुशी के लिये कितनो को मायूस कर देते होंगे आप | कोई तो होगा जिसके ना होने से ज़िंदगी अधूरी सी लगती होगी | भले ही आप खुद को कितना भी मज़बूत बनायें |☺ कितना भी मुस्कुरायें मगर उसके ना होने की मायूसी आपकी आंखों मे होती है | सुना है आंखें कभी झूठ नही बोलतीं | बस आंखों को पढ़ने का हुनर होना चाहिये | दौर बदले तरीका बदला मगर एक इंतज़ार है वो नही बदला इंतज़ार में होने वाली बेचैनी का रंग नही बदला | पहले नुक्कड़ पर आशिक अपनी महबूब का इंतज़ार किया करते थे बार बार उस मोड़ की तरफ ताकते रहते थे जहां से उसने आना होता था | कप के कप खाली हो जाते थे चाय की दुकान पर चाय के | 
अ ग र होस्टल या शहर को देख तो
कितनी सिगरेटें आपकी बेचैनी की बली चढ़ जाया करती थीं | मगर अब दौर बदल गया है | प्रेम😘 ने पैर पसार लिये हैं कानून के साथ अब प्रेम के भी हाथ पैर दोनो लम्बे हो गये | अब प्रेम एक राज्य से दूसरे में पनपने लगा है | अब नुक्कड़ की जगह फेसबुक पर इंतज़ार होता है | उनके लाल हरे पीले किसी रंग में रंगे प्रोफाईल पिक का मैसेंजर पर टननन से बजना और मैसेज देखते ही खुशी की लहर का पुरे बदन में धमा चौकड़ी मचाना | अहसास नही बदला बस तरीका बदल गया है | अब आंखें नही समाईली हंसती या रोती है | अब का प्रेम मन की तारों के मजबूत होने का उदाहरण सा बन गया है | इस प्रकार का प्रेम 💝प्रेम का एक बहुत ही चर्चित रूप है | बाकी के रूपों में इतनी बेचैनी नही जितनी इस मे है | मगर अनन्त से जो प्रेम निस्वार्थ चला आ रहा है वो प्रेम है माँ का | जो इस प्रेम में टूट जाने के बाद हमें आज भी संभाल लेता है | जब रोती हुईं आंखें इनके कंधों पर टिकती हैं तब अहसास होता है कोमल सी दिखने वाली माँ असल में कितनी मजबूत है | एक रूप है बहन का जो अक्सर गलतियों को छुपा कर फिर हमे चिढ़ा कर अपने होने का अहसास कराती है | जो हम से मांगती बहुत कुछ है मगर चाहती बस हमारी खुशी है | एक सब का मिला जुला और बड़ा ही विचित्र प्रेम है दोस्ती 💝का | इसकी तुलना ना किसी से हुई ना होगी | ये कई बार आपको सोचने पर मजबूर कर देगी के ये प्रेम है या द्वेश यो अक्सर नाटक करते हैं आपके दुख को ना समझने का | दुख का मज़ाक बनाने का | मगर असल में जो सबसे ज़्यादा आपको समझते हैं वो दोस्त ही हैं | और अनेको रूप हैं प्रेम के | जिसने सबको खुद से किसी ना कियी रूप में बांध कर रखा है | बस महसूस करने की ज़रूरत है | आप भी करें आपको भी अनुभूती हो जायेगी 
अगर आप लिखना चाहते है तो इसकी शुरुआत कर दीजिए सच कहूं तो सुकून का ज़रिया है लेखन।
~Rp~

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