#अधूरी_ख़्वाहिशें-19 तुम्हारी आदत-सी है

 (5 Oct, 2016)
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        तुम्हारी आदत सी है
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#मुझे_तुम्हारी आदत सी है यार...आदतें सुधरती भी तो नही जल्दी... सुबह से ही आज मुझे इंतज़ार था ... तुम भी बधाई दोगे जरूर...हाँ मन में एक हलचल सा था की तुम्हारी शादी हो गई है ...पर कब से ख्वाब बुन रहा था की कॉल तो आएगा कम से कम.
ज्यों ही फोन करोगी  त्योहिं एक मधुर गीत सुनाओगी पिछले  बार की तरह 

सदियों तक मुझे याद करोगे
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बुलबुल जब भी गायेगी
दुल्हन जब शरमायेगी
सरसों के खेतों में बैठे
तितलियाँ जब इठलायेंगी
यूँ ही वक्त बर्बाद करोगे
सदियों तक मुझे याद करोगे।।

यादों की लरियाँ लटकेंगी
पनिहारन जब भी मटकेगी
आमों की फुनगी पर बैठे
कोयल जब भी कुकेगी
दिल में अपने आबाद करोगे
सदियों तक मुझे याद करोगे।।

चाँदनी रात जब आएँगी
कुछ लहरें तब टकराएंगी
मिलन की एक चाह लिये
आहट मन में जग जायेगी
खुद से ही संवाद करोगे
सदियों तक मुझे याद करोगे।।
फिर से सोचा था कि ये गीत सुनु तुम्हारे मधुर स्वर से
 इस गीत को सस्वर तुम्हारे लबो से सुनने की प्रबल इच्छा जगा  था। 

जन्मदिन के अवसर पे बहुत लोगों ने बधाई दिया;फिर भी कुछ खाली लग रहा था...तुम्हारे संदेश भी नही मिले मुझे...काश! कि एक बर्थ डे sms भी भेज पाते...यार तुम वाकई में पाषाण हृदय हो...कभी तो मेरे निर्मल मन में झांक लेते...कभी मेरे आँखों में इंतज़ार की झलक को समझ पाते...चेहरे की उदासी को समझ पाते...
"वक़्त के भी अजीब किस्से है..
किसी का कटता नही और, किसी के पास होता नही।"


                          लो इसी तरह ये दिन भी बीत गया...न कोई काल न कोई सन्देश...खैर फिर भी मैं अपने वाले अंदाज़ में हूँ...बिल्कुल नही बदला ...तुमको याद नही तो क्या हुआ...तुम्हारे अलावा और भी शुभचिंतक है मेरे जिन्होंने मुझे खूब दुलार, स्नेह और आशीर्वाद दिया...हाँ अब आदत तो है तुम्हारी तो इसका क्या करूँ...आदत के अनुसार तुम्हारी याद आ ही गया ...मन के कोने में तुम्हें और तुम्हारी यादों को दबा दिया था (1 साल पहले ही तुम्हारी शादी हुई , उसी समय मैं  बहुत टूट गया था तुम्हारे यादो में मानो बर्बाद ही हो गया था 15  दिनों हॉस्पिटल से छूटने के बाद तुम्हारी यादो को धीरे धीरे करके दिल में दबाया  था और अपने जॉब में ज्यादा ध्यान देने लगा)
फिर भी ये यादे कुरेदती है मुझे...मुझे बहुत सताता  है...रुलाता है...इनको भी साथ ले गये होते...
मेरे न हो सके , तो कुछ ऐसा कर दो,
मैं जैसा था .. मुझे फिर से वैसा कर दो।

आज का दिन तो मेरे और तेरे लिए तो स्पेशल है न ! इस दिन कितने कस्मे वादे और सपने बुनते थे फ़ोन पे। 
रूठे जो जिंदगी तो मना लेंगें हम
मिले जो गम तो निभा लेंगें हम
दोस्तों बस आप रहना साथ मेरे
रोती आंखों से भी मुस्करा लेंगें हम।
 तुम्हे कुछ भी याद नहीं है क्या? तुम तो इस दिन मंदिर जाती थी न ! मेरे लम्बी उम्र की दुआ मांगी हो न ! क्या करूंगा जी कर जब तुम ही साथ न हो! कहते थे आप  100 साल तक जियेंगे और मै 101  तक जियूँगी , ताकि आपको विश कर सकू ! लेकिन तुमने तो 1 साल में ही भूल गई। 
24 घंटे में तुम्हे तनिक सा भी  मेरा  बर्थडे का कद्र न रहा।
 सो गई हो या उसने तुझे कसम दे दिया है !
तोड़ दो न वो कस्मे जो तुमने खाई है 
कभी कभी बात  कर लेने में क्या बुराई है।      

आज एहसास हुआ अब तुम तो कसी और की दीवानी हो गई हो, सही हो यार तुम अपनी जगह पे। 
 "वो जिसकी याद मे हमने खर्च दी जिन्दगी अपनी,
वो शख्श आज मुझको गैर कह के चली गयी ।"


"सवर रही है अब वो किसी और के लिए..
पर मैं बिखर रहा हूँ आज भी उसी के लिए। "


मेरा क्या मैं तो नादाँ हु सिर्फ और सिर्फ तुमसे प्यार करूंगा क्या हुआ ! तू कॉल नहीं की तो 
तेरा पहले का दिया हुआ ग्रीटिंग पढ़ रहा हु। .... 




आसमान की बुलंदियों पर नाम हो आपका,
चाँद की धरती पर मुकाम हो आपका,
हम तो रहते है छोटी सी दुनिया में,
पर खुदा करे सारा जहाँ हो
आपका--
Happy Birthday My Beloved ( R-100 & K-101)
फिर निचे में दिल बनाकर   क्या गजब लिखी हो तुमने ... 
जब कभी सिमटोगे तुम... मेरी इन बाहों में आकर,
मोहब्बत की दास्तां मैं नहीं मेरी धड़कने सुनाएंगी।
अगर प्यार नहीं है तो कैसे कोई ऐसा लिख सकता है। तुम्हारे सांसो के आहट से भी मै तुम्हे पहचान सकता हु इसलिए मैं ये कतई नहीं मानुगा की तुम भूल गई हो हमे ,शायद कुछ वजह से कॉल नहीं की तुमने !
दूसरे पेज की ये पंक्तिया और भी शानदार है -
 मेरे जान ! तुम आदर्श बनो
उदास चेहरे का तुम हर्ष बनो
संसार में पीड़ितों का संघर्ष बनो
जीवन में हर प्रश्न का सार्थक निष्कर्ष बनो।
तुम्हारी खुशी में ही मेरी खुशी है
तुम्हारी सफलता में ही मेरी सफलता है
मैंने तुम्हें वह हर सही मार्ग बताया है
जो सच्चा और न्यायप्रिय है।
मैं तुम्हें देखना चाहूँगी
भटकों को सही राह बताते हुये
मरुस्थल में पुष्प खिलाते हुये
दूसरों को खिलाकर खाते हुये
विश्वास का दीपक सदैव जलाते हुये।
मुझे विश्वास है ऐसा ही होगा
क्योंकि तुम मेरे हमसफर हो।।

तुम क्यों दूर चली गई हमको नेक इंसान बनाकर तुम्हारे प्रत्येक पंक्ति का अनुसरण किया मैंने और आज सफल भी हु पर तेरी बहुत याद आती है हमे जब आती  है तो बस रोना आता है हमे। .... आँखों से आंसू रुक नहीं रहे है दिल कह रहा है अब   वो हमेशा के किये दूर चली गई  और वो  विश नहीं करेगी। ...  
 

अधूरी ख्वाहिशों के साथ जीना आसान है...लेकिन अधूरी यादों के साथ जीना मुश्किल है...इससे अधिक क्या लिखूं...कहने से गम कम नही होता हाँ मन को एक तसल्ली हो जाता है...5 oct की ये ख़्वाहिश अधूरी ही बेहतरीन है........... राहुल प्रसाद 
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"वो किताबों में दर्ज था ही नहीं,
जो सबक सीखाया जिंदगी ने।"


"आँसू वो खामोश दुआ है
जो सिर्फ़ खुदा ही सुन सकता है।
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