ये 21/12 आदतें पर ध्यान केंद्रित करे - सफलता पाने हेतु


1 सफलता के 21 मूल मंत्र 

  • हर कोई सफल होना चाहता है, लेकिन कम लोग सफल होते हैं. तो आइए आज हम जानते हैं कि सफलता पाने के लिए आपको किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. कौन सी आदतें आपको अपनानी चाहिए और कौन सी गलतियाँ आपको नहीं करनी चाहिए.
  • सफलता पाने के लिए सबसे पहले यह जरूरी है कि आप अपनी क्षमता और रूचि को जानें.
  • आपको अपने लक्ष्य आपकी क्षमता और रूचि के हिसाब से तय करना चाहिए. जो लोग दूसरों की देखा-देखी अपने लक्ष्य तय करते हैं, वे लोग या तो असफल हो जाते हैं या बड़ी मुश्किल से सफलता पाते हैं.
  • अपने लक्ष्य तय करते समय आपको अपनी आर्थिक स्थिति और अपने आसपास के वातावरण का भी ध्यान रखना चाहिए.
  • अगर आपको गाइड करने के लिए कोई व्यक्ति मिल जाए, तो इससे आपके लिए सफलता पाना आसान हो जाएगा. तो अगर सम्भव हो, तो ऐसे व्यक्ति की तलाश कीजिए. लेकिन अगर ऐसे व्यक्ति की तलाश मुश्किल हो तो, अपने बल पर आगे बढ़िये.
  • किसी और के भरोसे सफलता पाने की कोशिश न करें.
  • किसी भी काम में हम तभी सफल होते हैं जब हम उसे योजनाबद्ध होकर करते हैं. इसलिए यह जरूरी है कि आप लक्ष्य तय करने के बाद प्लान बना लें. ध्यान रखें प्लान बनाने में न तो जल्दबाजी करनी चाहिए और न तो बहुत देर करना चाहिए.
  • प्लान A, B, C बनाइए, ताकि अगर आपका एक प्लान काम न करे, तो आप दूसरे प्लानों के अनुसार काम कर सकें.
  • ठीक उसी तरह लक्ष्य A, B, C तय कीजिए.
  • सम्भव हो तो, उन लोगों के बारे में पता कीजिए, जो उसी काम को कर चुके हैं. जिस काम को आप अभी करने जा रहे हैं. और यह पता लगाइए कि उन लोगों को किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ा था. और उन्होंने क्या-क्या गलतियाँ की थी.
  • ये सब करने के बाद आपको नियमित मेहनत करना शुरू करना होगा.
  • आपको समय-समय पर आराम भी करना चाहिए.
  • अगर आपको लगता है कि आप सही रास्ते पर जा रहे हैं, तो लोगों की बेकार की बातों को नजरन्दाज कीजिए.
  • खुद पर भरोसा रखिए.
  • छोटी-छोटी सफलताओं का जश्न बनाइए.
  • अपने लक्ष्य दूसरों को न बताएँ, इससे आप पर अतिरिक्त दबाव नहीं आएगा.
  • समय-समय पर दुनिया को भूलकर काम कीजिए.
  • इस बात पर गौर कीजिए कि आप कौन सी गलतियाँ कर रहें हैं. जो-जो गलतियाँ नजर आए, उन्हें फिर न दोहराएँ.
  • समय-समय पर कुछ समय मनोरंजन के लिए भी निकालें.
  • अपने प्रतिद्वंद्वियों से सीखिए.
  • अगर आपको बड़ी सफलता पानी है, तो आपको इसके लिए बड़ी कीमत चुकानी होगी. दूसरों से ज्यादा मेहनत करना होगा.
  • याद रखिए जो काम एक बार अच्छे तरीके से पूरा हो जाता है, वह हमेशा के लिए पूरा हो जाता है. इसलिए अपने काम को मन से कीजिए.





ये 12 आदतें पर ध्यान केंद्रित करे-सफलता पाने हेतु

 

12 Habits Can Change Your Life

 अगर आप सचमुच अपनी जिन्दगी बदलना चाहते है लगातार तरक्की की सीढियाँ चढ़ना चाहते है एक अच्छे इंसान के रूप में पहचाने जाने की अगर आपकी ख्वाहिश है और अगर आप लोगो के साथ सुखद सम्बन्ध बनाना चाहते हो तो एक बार अपने attitude को अवश्य परख ले ! आत्मवलोकन के माध्यम से सुधार की गुंजाईश पता लगाना बहुत जरुरी होगा आपके लिए!
माना कि अपना Attitude (आदत) बदलना एक मुश्किल काम है लेकिन नामुमकिन नहीं है अगर आप ठान लें तो आसानी से कर सकते हैं नीचे 12 positive thoughts in Hindi  टिप्स दिए गए हैं जो इस काम में आप के साथ एक हो सकते हैं.... 

 1.जीने का मकसद ढूंढे (Find the purpose of living) : मैं ऐसे कई लोगों को जानता हूं जो बिना किसी मकसद के जी रहे हैं |  वे सुबह उठते हैं और काम पर चले जाते हैं शाम को लौटते हैं और फिर सो जाते हैं इससे उनका जीवन ठहरे हुए पानी की तरह हो गया है ! जीवन को सुगंधित और प्रवाहमान बनाए रखने के लिए हमें चाहिए कारण - जीने की वजह । स्पष्ट लक्ष्य होने चाहिए नजरों के सामने- छोटे और बड़े । फिर उन लक्ष्यों को पूरा करने की धुन चाहिए होगी- बोले तो जुनून। 

जीवन और इसके उद्देश्य को साफ-साफ देख सकने वाली दृष्टि होनी चाहिए हमारे पास ! तब कहीं जाकर व्यक्ति पल पल को जीने की स्थिति में आता है तब उसका जीवन स्वयं के लिए ही नहीं बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन जाता है ऐसे लोगों के जीवन में एक के बाद एक उपलब्धियां आती चली जाती है।

 2. नये का भय ना पाले : ज्यादातर लोग 'नयेपन' से डरे हुए रहते हैं जबकि हकीकत यह है की अधिकांश बड़े अवसर नयेपन की आड़ में ही छिपे होते हैं नए अनुभव ही हमें विकसित होने का अवसर देते हैं ! 

नई-नई परिस्थितियों का सामना करने से ही हमारे भीतर साहस पैदा होता है हमारा आत्मविश्वास जाता है अतः है जितना हो सके नयेपन को अपनाइए काम करने के नए नए तरीके खोजें, नए नए लोगों से मिलिए, नई-नई जगहों पर घूमने जाइए, नए नए विचारों पर गौर कीजिए, नए-नए शौक पालिये, नई-नई आदतें अपनाइए, नए का सीधा संबंध जोखिम से होता है ! जितना आप नए के संपर्क में आएंगे उतनी ही आपकी जोखिम उठाने की प्रवृति बढ़ जायेगी ! उतना ही आपका दिमाग खुलता जाएगा आपका खुद पर यकीन बढ़ता जाएगा और आप जिंदगी को बिना किसी डर और पछतावे के सकारात्मकता के साथ जी पाएंगे ।

 3. जितने ज्यादा दोस्त, उतना व्यापक नजरिया: जितनी ज्यादा लोगों से हम मिलते हैं उसने ज्यादा अनुभव हमें प्राप्त होते हैं उतने ही अधिक दृष्टिकोण हमें उपलब्ध होते हैं ! जीवन को देखने के लिए इससे हमारा अपना नजरिया व्यापक होता है और संकीर्णता के प्रति आग्रह घट जाता है जब हम अधिक अधिक लोगों के संपर्क में रहते हैं, तो हमें अपने व्यवहार को यथासंभव लचीला बनाना पड़ता है, गलत एटीट्यूट लेकर हम लोगों से नहीं जुड़ सकते ! 

नकारात्मकता सोच वाले व्यक्ति के लिए अधिक मित्र बनाना संभव नहीं होता और ढेर सारे मित्रों वाले व्यक्ति का नकारात्मक बने रहना मुमकिन नहीं है | 

अतः अधिकांश लोगों से मिले और उन्हें मित्र बनाइए जितने ज्यादा लोगों से आपका परिचय होगा उतना ही अधिक स्वीकार्य भाव आप अपने अंदर पाएंगे और यह गुण आपको जीवन की हर आयाम में सफलता दिलाएगा ।

 4. सीख जब मिले, जिससे मिले, जितनी मिले ले लो: (learn from everyone)  सीखना आगे बढ़ते रहने का एकमात्र जरिया है जिंदा होने की यही सबसे बड़ी निशानी है, अतः सीखने को तत्पर रहें हर व्यक्ति हर परिस्थिति हर अनुभव को शिक्षक बना ले लेकिन सीखने को बोझ की तरह ना लें उस का भरपूर आनंद उठाएं, कुछ नया जानने में वैसी ही उत्सुकता होनी चाहिए जैसी कि बच्चों में होती है!

पुस्तके सीखने का सबसे सरल और सुलभ साधन है अतः पढ़ने की आदत डालिये, नियमित रुप से पढ़िए ! अगर आपके पास व्यवस्तताएँ अधिक हो तब भी 5-10 पेज रोजाना पढ़ना कोई मुश्किल काम नहीं होगा, इस तरह से आप साल भर में 10 से 15 पुस्तकें तो आसानी से पढ़ ही डालेंगे और 5 साल अगर आपने यही नियम बनाए रखा तो सोच कर देखिए कि आपके ज्ञान और समझ बूझ में कितनी वृद्धि हो चुकी होगी ! 

लेकिन पढ़ने के नाम पर कुछ भी पढ़ने की आदत से बचना जरूरी है सकारात्मक सोच पैदा करने वाली जीवन को व्यवस्थित तरीके से जीना सिखाने वाली प्रोफेशनल तौर-तरीके सिखाने वाली वैज्ञानिक सोच पैदा करने वाली तथा सफल लोगों के अनुभव साझा करने वाली पुस्तकें आपकी सच्ची शिक्षक साबित हो सकती है !

 

5. दिन की शुरुआत 'योजना' से कीजिये : (Start the day with a new plan) अपने दिनभर के क्रियाकलापों पर आपका पूरा नियंत्रण होना चाहिए ! अगर आप दिन भर में हर काम प्लानिंग से करते हैं, तो निसंदेह आपकी उत्पादकता बढ़ जाएगी आपके लक्ष्य समय पर पूरे होंगे इससे अंततः आपकी सकारात्मक में वृद्धि होगी ! 

अतः दिन की शुरुआत दिन की योजना बनाने से करें, दिन भर में जो कुछ भी काम करना है उसके लिए समय सीमा निर्धारित कर ले और कुछ समय 'आकस्मिक' कार्यों के लिए अवश्य निकाल कर रखें ! 

  6. जिम्मेदारियों को अवसर माने : जब भी आपको कोई जिम्मेदारी सौंपी जाये तो खुश हो जाए की आपको किसी योग्य समझा गया है, की बहुत सारे लोग आप पर भरोसा करते हैं इसलिए घर-दफ्तर कॉलेज या सामाजिक संस्थाओं में रहते या कार्य करते हुए आपको अधिक अधिक जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए, जितनी ज्यादा जिम्मेदारियां आप लेंगे उतनी ही उनको पूरी करने की आपकी क्षमता बढ़ती जाएगी ! 

आपके भीतर नेतृत्व के गुणों का विकास होगा और सकारात्मकता बढ़ेगी ।

 7. लोगो के 'योगदान' पर गौर करे-उन लोगों की योगदान को देखने का जो हमारे बेहद करीब हैं जिसमे हेल्पर , फॅमिली से लेकर सहकर्मी दोस्त समाज सभी का धन्यबाद करे और हो सके तो उनकी मदद करनेमे पीछे न हटे. 

8. प्रशंसा से बड़ा पुरस्कार नहीं दूजा : लोगों के व्यक्तित्व और व्यवहार में अच्छी बातें देखना सीखिए ! गुड ग्राहक बनिए लोगों की खुशियां पहचानिए, और फिर उनकी यथेष्ट प्रशंसा कीजिए ! प्रशंसा का एक लाभ यह भी है: कि आप हर चीज में अच्छाई ढूँढना सीख जाते है, और यह आदत आपके भीतर सकारात्मक मनोवृति विकसित करने में सहायक होती है ! 

अर्थात दूसरों में अच्छाइयां देखते-देखते, आप स्वयं भी अच्छे होते जाते हैं असर दूसरों में देखते आप स्वयं ही अच्छे होते जाते हैं हर इंसान में कुछ न कुछ तो ऐसा होता ही है जिस की प्रशंसा की जा सके ! वह बात ढूंढिए और दिल से उसकी तारीफ कीजिए दिल से की गई तारीफ ही दिल तक पहुंचती है

9. अपनी कामयाबी पर तो हर कोई खुश हो लेता है : मैं ऐसे कई लोगों को जानता हूं जिन्हें अपनी तरक्की से उतनी खुशी नहीं होती, जितना दूसरों की तरक्की से दुख होता यह नकारात्मक मनोवृति की पहचान है ! सकारात्मक मनोवृत्तियों वाला व्यक्ति दूसरों के सुख में सुखी होता है अतः आप भी अपने आसपास के लोगों को आगे बढ़ते हुए देख खुशी महसूस कीजिए ! ईर्ष्या सिर्फ नकारात्मकता पैदा करती है, और कुछ नहीं जब भी आप किसी को सफलता पाते देखें तो खुश हो और आगे बढ़ कर उसे मुबारकबाद दे उसके लिए तालियां बजाए मत भूलिए की असफलता की तरह सफलता भी संक्रामक होती है !

10. तुम्हारी भी जय-जय, हमारी भी जय-जय: जब भी आप को लोगों से व्यवहार करना हो तो हमेशा दोनों की फायदे की बात सोचिए ! सिर्फ अपना फायदा देखना, आप को लोगों से दूर कर देगा धीरे-धीरे लोग आप पर विश्वास करना बंद कर देंगे ! और आप मित्रों के लिए भी तरस जायेंगे।

11. सत्संग की महिमा अपार है : जीवन में इस बात से बड़ा अंतर पैदा हो जाता है कि आपका संग साथ कैसा है तरक्की पसंद लोगों का साथ आपको चीजों को सकारात्मक ढंग से सीखने चुनौतियों में अवसर तलाशने और उपलब्ध समय का पूरा सदुपयोग करने के लिए प्रेरित करेगा कहते हैं कि बड़ा बनने की चाह रखने वालों को सबसे पहले बड़े लोगों की संगति करनी चाहिए।

12. बुरी आदतें लानत है, बदल डालो : आपको अपनी बुरी आदतों के प्रति सचेत होने की आवश्यकता है देर से सोना, देर से उठना, धूम्रपान मधपान करना, झूठ बोलना, बिना टाइम टेबल के खाना अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखना ! दोस्तों के साथ बेकार की गपबाजी में जरूरत से ज्यादा समय बर्बाद करना , यह सभी छोड़ने योग्य आदते हैं अगर आप भी इस तरह की आदतों के शिकार है तो एक-एक करके इनसे छुटकारा पाने की योजनाएं बनाये । 

 जो अबतक न जाना हो उसे जानकर और जो अब तक नहीं किया हो उसे करके ही हम वह पा सकते हैं जो अब तक नहीं पाया है अतः अपने एटीट्यूड की खामियों को जानिए उनमें बदलाव् कीजिए और फिर जो चाहिए वह हासिल होगा आपको पीछे मुड़ कर देखने की नौबत नहीं आएगी फिर जीवन में सिर्फ सौगातें ही मिलेगी आपको । 

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  दस आदत।



 दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं। एक वे जो कहते हैं कि I CAN”T और दूसरे वे जो I CAN के सिद्धांत को मानते हैं। I CAN का सिद्धांत मानने वालों के लिए किसी भी चैलेंज को स्वीकार करना या लाइफ में रिस्क लेना मुश्किल नहीं होता है, और वही लोग जीवन में सफलता की बुलंदियों को छू पाते हैं। हमें अपनी सोच या attitude हमेशा सकारात्मक रखनी चाहिए।

कई बार हम सोच या नजरिये की बात करते हैं, हम सबने अपनी सोच की शक्ति के बारे में सुना है, और ये हमारी सोच ही है, जो हमारी सफल होने की संभावना को निर्धारित करती है। हम जानते हैं कि सकारात्मक सोच जीवन के कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जबकि नकारात्मक सोच स्वयं ही हमारे जीवन को तबाह कर देती है। आमतौर पर सकारात्मक सोच हमें हमेशा खुश रखती है, और सफलता की ओर ले जाती है। जबकि नकारात्मक सोच हमें दुखी, उदास, तनावपूर्ण, और जीवन से छुटकारा पाने के विचार की ओर ले जाती है। इसलिए अच्छी और रचनात्मक सोच सफलता और उपलब्धियों के लिए बहुत जरूरी है।
हम कैसे ऐसी आदतें विकसित करें, जो हमारी सोच को सकारात्मक बनाने में मदद करे?
सबसे पहले आइये जानते हैं कि, सोच या attitude क्या होता है।
सोच क्या है?
मनोविज्ञान में सोच या नजरिया या रवैया किसी व्यक्ति, वस्तु या घटना के पक्ष या विपक्ष में भावना की अभिव्यक्ति है।
दूसरे शब्दों में, सोच किसी व्यक्ति या वस्तु के बारे में सोचने या विचार करने का एक स्थाई तरीका है।
Positive attitude- सकारात्मक विचार, सकारात्मक भावना, और सकारात्मक अभिव्यक्ति होती है।
Negative attitude- नकारात्मक विचार, नकारात्मक भावना और नकारात्मक अभिव्यक्ति होती है।

कैसे पाएं सकारात्मक सोच :-
आइये नीचे हम आपको कुछ ऐसी आदतों के बारे में बताते हैं, जो आपको अपनी सोच को सकारात्मक बनाने में मदद कर सकती है।

1.अहसानों (greatfullness) की एक डायरी बनाएं :
कोई एक बुरी घटना एक क्षण में आपका पूरा दिन खराब कर सकती है, या किसी के साथ कोई झगड़ा या बहस हमारी खुशियों को उस दिन कम देता है। जब भी आपको लगे कि आपके मन में नकारात्मक भावनाएं आपको परेशान कर रही हैं तो इन्हे नियंत्रित करने के लिए एक डायरी में उस दिन की 5 ऐसी बातों या घटनाओं को लिख डालिये जब आपने कृतज्ञता या अहसानमंद होने की भावना महससू करी, और आप देखेंगे कि कैसे आपका नजरिया बदल जाता है। ये देखा गया है कि प्रशंसा से आप खुश होते हैं और चिंता, नकारात्मकता और तनाव की भावनाएं आपके पास नहीं आने पाती।

2.अपनी चुनौतियों का सामना नए तरीके से करें:
हमे अपनी पुरानी सोच कि, ये काम बहुत कठिन है यह नही हो सकता। .....इन बातों के स्थान पर, यह हो जायगा, ये मैं कर सकता हूँ जैसी भावना लाएं। हो सकता है ऐसी बहुत सी चीजे हों जिन पर हमारा पूरा नियंत्रण ना हो लेकिन यदि हम अपनी पूरी सामर्थ्य और मन को उस काम करने में लगाते हैं तो हमें बाद में कोई पछतावा नही रहता। चुनौतियों का सामना साहस के साथ करो ना कि विकास के अनुभव में रुकावट की तरह ।

3.REJECT होने पर भी अच्छा महसूस करें:
रिजेक्शन एक कला है, जिससे हमें अपनी असफलताओं को समझने और कमियों को सुधारने का मौका मिलता है, क्योंकि जीवन में कोई भी बिना रिजेक्शन के आगे नही बढ़ता है। इसलिए reject होने पर परेशान ना हों और बुरा होने की आशा कभी मत करें। यदि बुरा होने का इंतजार करेंगे, तो बुरा होने की संभावना होती है। इसलिए हमेशा ये सोच रखिये कि reject हो गया तो क्या हुआ, मैं स्वयं की कमियों का सुधार करूंगा, सबठीक है, और मेरे पास अगला मौका है।

4.अपने जीवन का वर्णन सकारात्मक शब्दों से करें:
हमारी सोच से ज्यादा प्रभावी हमारे शब्द होते हैं। आप वो हैं जो आप अपने बारे में सोचते हैं। आप अपने जीवन के बारे में जो बोलते हैं, वैसा ही आपका जीवन होता है। जो भी आप बोलते हैं आपका दिमाग वही सुनता है। इसलिए हमेशा अपने लिए अच्छे, सरल और सुंदर शब्दों का प्रयोग करें आप देखेंगे आपका जीवन एक अलग तरह के प्रकाश से चमक उठेगा। आपने अपने जीवन के लिए जो मार्ग चुना है उसमे आपको अधिक आनंद मिलेगा। हमेशा अपने शब्दों में सकरात्मक रहें। उदाहरण के लिए जब भी सम्भव हो अपने आप से कहें-"मैं सम्पूर्ण हूँ" "मैं खुश हूँ"और "मैं सकारात्मक हूँ "

5.Negative  या प्रश्नवाचक शब्दों को सकारात्मक शब्दों से बदलिये:
हम अक्सर नकारात्मक या प्रश्नवाचक शब्दों का प्रयोग करते हैं जैसे -मुझे यह काम करना है, पानी का गिलास आधा खाली है, आदि-आदि। इसके बदले में  सकारात्मक शब्दों का प्रयोग करें। जैसे मुझे यह कार्य करने का अवसर मिला, पानी का ग्लास आधा भरा हुआ है।  आपका रवैया आपके कामों को पूरा करने, उसमें प्रशंसा पाने में तेजी से बदलाव लाता है, और हम वैसा पाते हैं जैसा हम चाहते हैं।

6.कोशिश करें कि अपने आपको, दूसरों की शिकायतों में घसीटने का मौका न दें:-
आपका दिन बहुत अच्छा जा रहा है, और आप बहुत अच्छा काम कर रहे है और आपके सहयोगी इस शानदार माहौल पर पकड़ ढीली नहीं करना चाहते हैं। आपको पता भी नहीं चलेगा और अचानक  वह आपको शिकायत के उत्सव में शामिल कर लेंगे। एक महीने के अंदर आपको बड़ी चतुराई के साथ इस बेहद गर्म विरोध प्रदर्शन में शामिल कर लिया जायेगा। कोशिश करें कि आप इस तरह के जाल में न फंसे। Warsaw School of Social Psychology  का एक अध्ययन यह दिखाता है, कि नकारात्मक मन और भावनाएं आपके जरूरतों की पूर्ति, आपके आदर्श, और आपकी सकारात्मक भावनाओं में कमी लाती हैं।

7.सकारात्मकता लाने में सांसों का इस्तेमाल करें :-
हमारी साँस विशेष रूप से हमारी भावनाओं से जुडी हुई है। क्या आपने गौर किया है कि जब हम किसी चीज पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो अपनी सांसो को रोक कर रखते हैं?और क्या अपने महसूस किया है कि, जब हम क्रोध करते हैं, तो हमारी साँस बदल जाती है। हमारी साँस हमारी भावनाओं के अनुसार बदल जाती है। इसी प्रकार अपनी सांसो का इस्तेमाल करके अपनी सोच का तरीका भी बदल सकते हैं।  जब भी आप फ्री हों-दस बार लम्बी और गहरी साँस लीजिये। आपको अच्छा लगेगा।

8.बुरे समय (आपदा ) में भी सच्ची बातों पर ध्यान दीजिये:
जब मीडिया में चारो तरफ नफरत और क्रूरता फैली हो तब विश्वास और सकारात्मक बातें सोचना बहुत कठिन होता है। आपदा, युद्ध, और दर्दनाक अनुभव की घटनाओं में झूठी संवेदना और अपनापन दिखाने वाली खबरों की बजाय हमें सच्ची खबरों को देखना सीखना होगा।

9.किसी समस्या के साथ उसका समाधान भी खोजिए:
सकारात्मक रहने का मतलब ये नहीं कि आप समस्याओं के प्रति जागरूक ही ना हों। रचनात्मक व्यक्ति के पास किसी भी समस्या को सुलझाने का हल होता है। जब आप अपने आस -पास की किसी समस्या को उठायें तो उसके समाधान का प्रस्ताव पर भी आपका प्रयास होना चाहिए। समस्या आने पर उससे परेशान होने की बजाय ये समस्या किस प्रकार हल हो सकती है, इसका प्रयास कीजिये।

10.किसी को ख़ुशी दीजिये:
  • क्या अपने कभी किसी गरीब या बेसहारा व्यक्ति की मदद की है, या उनके बारे सोचा है? हममे से अधिकांश उन्हें देखकर बुरा सोचते है। हमें अपनी समाज के प्रति जिम्मेदारी को समझना चाहिए। प्रति दिन किसी एक व्यक्ति को थोड़ी ख़ुशी देने का उद्देश्य बनाइये, और देखिये इससे आपको कितनी ख़ुशी मिलेगी। इससे आपको आस-पास रहने वाले सामान्य लोगों के प्रति आपकी बुरी मानसिकता को बदलने में मदद मिलेगी।

 

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