मौसम जुलाई का
कितने अहसास छिपे हैं इन बारिश की बूंदों के साथ
कभी आशिकी, कभी बेवफाई तो कभी बचपन का पुराना साथ लगती हैं ।
////////////////////////मौसम जुलाई का -यादे ////////////////////
कभी आशिकी, कभी बेवफाई तो कभी बचपन का पुराना साथ लगती हैं ।
////////////////////////मौसम जुलाई का -यादे ////////////////////
ये जुलाई का मौसम हैं
ये मुझको बीमार सा कर देता हैं
तेज़ गर्मी, उमस फिर बारिस की नमी,
हवाओ का चलना, ठण्डा और होले होले
कुछ जिस्म की जुगराफियो में बदलाव सा ला देता हैं
भीतर भी, बाहर भी
इस मौसम के कई अलग अलग तर्जुमे हैं
क़ायदे भी, बचके रहने के
पर में बेपरवाह, एक ख़याल सा
कुछ रिमझिम के थान मेसे थोड़ा सा टुकड़ा
ओढ़ने के लिये काट लेता हूं
ये बारिस की बूंदे ओढ़ लो तो भिगोती नही हैं
लिपट सी जाती हैं
शेष तो ये की लिपट कुछ जाये, तो सर्द समा भी गर्माया सा हो जाता हैं
ये जुलाई का मौसम हैं
बारिस और प्रेम का गड़जोड़ हैं, इसमें
वैसा ही जैसा तेरा मेरा
बारिस पानी से भिगों देती हैं
और तुम प्रेम से भिगो देती हो
दोनों ही सूरत में तबियत जरा 'नासाज़' सा होना लाजिमी हैं,
दोनों ही सूरत में तबियत जरा 'नासाज़' सा होना लाजिमी हैं,
ये जुलाई का मौसम हैं.....राहुल प्रसाद
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कोई रंग नहीं होता बारिश के पानी में...
फिर भी फ़िज़ा को रंगीन *बना*देता है.।
...😢
तुम होते तो बात कुछ और होती, अबकी बारिश तो सिर्फ पानी हैं !...RP
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फिर भी फ़िज़ा को रंगीन *बना*देता है.।
...😢
तुम होते तो बात कुछ और होती, अबकी बारिश तो सिर्फ पानी हैं !...RP
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