अनुभव से कटु सत्य -5 जीवन !

कटु  सत्य -4   जीवन !

जीना बन्धन नहीं होता, प्रबन्धन होता है l हर दिन सीखना होता है l भावुकता आपके बेहतर इन्सान होने का सुबूत है l
 यह कमज़ोरी कभी नहीं होती  ऐसा हो सकता है कि आप को समय ने इसकी वजह से खूब छला हो पर जीवन को खोने और पाने की दृष्टि से कभी नहीं देखना चाहिये l
 जीवन को अपनी सम्पूर्णता और  समग्रता की दृष्टि से देखना चाहिये l
 कभी कभी आप थक जाते है l विश्राम कीजिये, सारी दौड़ बन्द कर दीजिये, अपने भीतर की यात्रा पर निकल जाईये l भीतर की नदी, पहाड़,झरने और बागीचो मे खुद की तालाश कीजिये l
 आनन्द से भर जाईये और फ़िर इसी सुगन्ध से सराबोर यात्रा आरम्भ कीजिये l समस्याये हमेशा किसी समाधान से जुडी होती हैं l 
कभी कभी कुछ कटु निर्णय लेने पडते है l लीजिये क्योंकि व्य्वाहारिक होना और खुद के लिये स्वार्थी होना भी जीने की अनिवार्य शर्त होती है l 
आप आलोचना के पात्र भी हो सकते हैं पर परवाह मत कीजिये औरो से अधिक आप स्व्यम से परिचित होते है l प्रमाणपत्र  आपको किसी से नहीं लेना है इस बात का ध्यान हमेशा रखिये l


 

आचरण , विचार ,विचारधारा और दृष्टि के स्तर पर शुद्ध्ता आपको शक्तिशाली बनाती है l शर्त ये है कि वो आपकी अपनी मौलिक अनुभूतिओं,चिन्तन और अनुभवों का प्रतिबिम्ब हों ना कि स्थापित परिभाषाओ और मान्यताओं के अनुसार हों l
 कभी कभी समय के साथ ही विचार और दृष्टि दोनों बदल जाती है l यह बेहद सकारात्मक बदलाव होता है l जीना हमेशा अपनी शर्तों पर चाहिये बिना किसी के सर्टिफिकेट के परवाह के ।
 राहुल प्रसाद 
कटु सत्य -


कभी कभी आप एक ऐसे दोराहे पर आकर खड़े हो जाते हैं जहां दोनों रास्ते आपको पता नहीं होते l यहाँ केवल दो विकल्प होते हैं l एक तो आप निराश हो जायें और थक के बैठ जायें और दूसरा आप उर्जा से भर जायें कि अब आपके पास दो रास्ते है जो सफ़लता की ओर ही जाते हैं और एक पर आप तेजी से आगे बढ लें यह सोच हर कि दोनो मे सबसे बेहतर विकल्प यही होगा l ज़िन्दगी ज़िन्दादिली का नाम है l है ना!!!

वक़्त बड़ा बलवान है देर सवेर सत्य   स्तापित होता ही है।

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